Comments (3)
6 Dec 2016 10:04 PM
इस लेख को पढ़ने के बाद मुझे यह लगा, यह उन लोगो के दिलो दिमाक पर प्रहार है। जो हमारी देश की संस्कृति को ठीक से समझ नही पाते है इतिहास गवाह है कितने आये और कितने चले गए हमे अलग करने वाले………
Prasant Singh
Author
6 Dec 2016 10:16 PM
जब तक सूरज चन्दा चमके तब तक यह हिंदुस्तान रहे। बिल्कुल सही कहा आप ने श्रीमान। तभी तो मोहम्मद इक़बाल जैसे शायर ने कहा –
इक बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
Vr nice