Comments (4)
21 Nov 2016 03:41 PM
खूबसूरत रदीफ़, अच्छी ग़ज़ल
21 Nov 2016 03:39 PM
डॉ. अर्चना जी ग़ज़ल का रदीफ़ ख़बर देना… बहुत ख़ूबसूरत है । अच्छी ग़ज़ल ।
20 Nov 2016 01:22 PM
” अर्चना” मिलने की जो आरजू हो … “
बहुत उम्दा इस ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई ।
—- जितेंद्र कमल आनंद
बहुत सुंदर ग़ज़ल