You must be logged in to post comments.
ये चॉद ! ना हँस मेरी तन्हाई पर तू भी तन्हा है मेरी तरह।। बहुत सुंदर रचना है यह , डा निधि श्रीवास्तव जी की । —- जितेंद्र कमल आनंद १६-११-१६ रामपुर ( उ प्र )
बहुत आभार आदरणीय
ये चॉद ! ना हँस मेरी तन्हाई पर
तू भी तन्हा है मेरी तरह।।
बहुत सुंदर रचना है यह , डा निधि श्रीवास्तव जी की ।
—- जितेंद्र कमल आनंद
१६-११-१६ रामपुर ( उ प्र )
बहुत आभार आदरणीय