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27 Oct 2016 03:54 PM

डा अर्चना गुप्ता की ग़ज़ल ” नज़र के पार पढ। लेना ।
हमारा प्यार पढ़ लेना / … नज़र में अर्चना की तुम / लिखा आधार पढ़ लेना !
आपकी ग़ज़ल की क्या तारीफ करू कि–
” कमल” विश्वास का भी तुम
लिखा आधार पढ़ लेना !”
बहुत सुंदर! — जितेन्द्र कमल आनंद
२७-१०-१६

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