बिल्कुल सही अर्चना जी, ,इन्सान कुटिल नही होता,,बल्कि पैदा होने के बाद उसके अन्दर सारी प्रवृत्तिया इस संसार ओर संसारी लोगों से आती है ओर व्यक्ति के विवेक, प्रवृत्ति, ओर बोद्धिक. सामर्थ्य. के हिसाब से उसके चित मे बनती बिगडति रहती है इसीलिए. बुद्धिजनो को अपने विवेक के साथ समाज उत्थान-मे आगे आना चाहिए
बिल्कुल सही अर्चना जी, ,इन्सान कुटिल नही होता,,बल्कि पैदा होने के बाद उसके अन्दर सारी प्रवृत्तिया इस संसार ओर संसारी लोगों से आती है ओर व्यक्ति के विवेक, प्रवृत्ति, ओर बोद्धिक. सामर्थ्य. के हिसाब से उसके चित मे बनती बिगडति रहती है इसीलिए. बुद्धिजनो को अपने विवेक के साथ समाज उत्थान-मे आगे आना चाहिए
शुक्रिया आपका