Comments (3)
21 Oct 2016 08:04 PM
वाह्ह्ह् । welcome …
Ankita Kulshreshtha
Author
22 Oct 2016 07:52 AM
Thnxxxx Didi
अंकिता – आपकी रचना की ये lines बेहतरीन – सत्य को उजागर करती है . मुझे बहुत पसंद आई
**लोग जिसे नीँद कहते हैँ..
जाने क्या चीज होती है..
आँखे तो हम भी बंद करते हैँ.
पर वो आपसे मिलने की तरकीब होती है.****