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22 Oct 2016 12:29 PM

बहुत अच्छी रचना है अर्चना जी, , जिनके मन जिन्दगी ओर प्यार के प्रति उम्मीदो का दीपक कभी नहीं बुझते, ,वो एक दिन उस परमतत्व. को अपने-आपको अन्दर ही पा जाते हैं जो सर्वव्यापी ओर सर्वस्व. है

अर्चना जी, बहुत सुंदर… अंदाजे-बयां जबर्दस्त है।

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