Comments (6)
11 Oct 2016 05:26 PM
प्रशंसनीय रचना
8 Oct 2016 03:14 PM
Good composition to mirrors society
9 Aug 2016 10:11 AM
वाह्ह्ह्ह्ह् समाज को आइना दिखाती हुई रचना
डॉ सुलक्षणा अहलावत
Author
9 Aug 2016 09:00 AM
आभार जी
9 Aug 2016 08:21 AM
वाह
सुंदर जन्म दिया पाप छिपाने को
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी