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Comments (12)

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21 Nov 2016 04:38 PM

तुमसे बिछड़ के दिल को ठिकाना नहीं मिला
तुम सा कहीं भी हमको दीवाना नहीं मिला

मुक्मल

बेहतरीन ख़याल।सुन्दर गज़ल।

24 Jul 2016 09:31 PM

कुछ याद ही कहाँ हैं सनम प्यार में हमें
तुमको भुला सकें वो बहाना नहीं मिला …….. वाह … वाह ….. कोमल एहसास ….. खूबसूरत खयाल ….. सुन्दर कहन …. लाजवाब पेशकश के लिए बधाई सम्मानित अर्चना जी .

29 Sep 2016 04:09 PM

हार्दिक आभार

24 Jul 2016 01:10 PM

लाज़वाब वाह

30 Aug 2016 07:39 AM

शुक्रिया आपका

24 Jul 2016 09:30 AM

वाह बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ
तुमसे बिछड़ के दिल को ठिकाना नहीं मिला…….

24 Jul 2016 10:28 PM

हार्दिक आभार आपका

वाह्ह्ह्ह्ह बहुत खूब 1

24 Jul 2016 05:31 PM

हार्दिक आभार आपका

24 Jul 2016 06:47 AM

वाह वाह बेहतरीन रचना
वाह बहुत खूब !

24 Jul 2016 08:34 AM

हार्दिक आभार आपका

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