Comments (18)
29 Jul 2016 06:02 AM
हौसला रख थमेगा ये तूफ़ाँ
कर खुदी पे यकीं नाखुदा क्या
बहुत खूबसूरत गज़ल।
हिमकर श्याम
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14 Aug 2016 11:20 PM
शुक्रगुज़ार हूँ
21 Jul 2016 06:02 PM
बहुत ही शानदार पंक्तियाँ उम्दा लेखनी हेतु बधाई ।।
हिमकर श्याम
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14 Aug 2016 11:20 PM
धन्यवाद
21 Jul 2016 05:12 PM
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने
हिमकर श्याम
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14 Aug 2016 11:19 PM
शुक्रिया आपका
19 Jul 2016 09:06 AM
Waaaaaaaaaaaah waaaaaah himkar sb waaaaaah
हिमकर श्याम
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21 Jul 2016 11:33 AM
शुक्रिया आपका
18 Jul 2016 12:48 PM
वाह ! बहुत खूब. खूबसूरत गजल हुई है. बहुत बधाई स्वीकारें.सादर.
हिमकर श्याम
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21 Jul 2016 11:32 AM
हार्दिक आभार
18 Jul 2016 09:23 AM
वाह्ह्ह्ह बहुत खू ब गज़ल 1
हिमकर श्याम
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21 Jul 2016 11:32 AM
शुक्रगुज़ार हूँ
18 Jul 2016 07:39 AM
वाह ! बेहतरीन अशआर ! बहुत खूब।
हिमकर श्याम
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21 Jul 2016 11:31 AM
शुकिया आपका
17 Jul 2016 11:02 PM
दूर तक बदहवासी के साये
दीप फिर नफरतों का जला क्या
वाह बहुत बढ़िया।
हिमकर श्याम
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21 Jul 2016 11:31 AM
शुक्रिया आपका
वाह बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल है …
हार्दिक आभार