Comments (6)
jameel saqlaini
Author
17 Jul 2016 07:22 PM
Bahut bahut shukriya maata ji duaayeN haiN aapki
17 Jul 2016 07:06 PM
बहुत ख़ूब…अच्छी ग़ज़ल
17 Jul 2016 09:00 AM
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जमील बहुत उम्दा गज़ल तुम्हारी शायरी की सदा से कायल रही हूँ1 ये अच्छा किया मुश्किल शब्दों के अर्थ दे दिये1
jameel saqlaini
Author
17 Jul 2016 07:10 AM
Shukriya archna Gupta ji
16 Jul 2016 08:53 PM
वआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्दा ग़ज़ल । वआह्ह्ह्ह्ह
Bahut bahut shukriya himkar bhai