Comments (12)
12 Jul 2016 03:41 PM
वाहहहहहह दी बहुतखूब सुंदर
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 03:51 PM
आपका धन्यवाद विनोद
11 Jul 2016 10:25 PM
वाह मैडम बहुत सुंदर
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 02:41 PM
आपका धन्यवाद
11 Jul 2016 06:21 PM
वाह ! अच्छी गजल हुई है. बहुत बधाई. फिरभी
//आँखों से चुपके चुपके से बहते हो // ……इस मिसरे में चुपके-चुपके के पश्चात “से” आना उचित नहीं है.सादर.
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 02:39 PM
धन्यवाद आपका
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 02:40 PM
आपका धन्यवाद
11 Jul 2016 04:10 PM
बहुत ही अच्छा
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 02:40 PM
आपकाधन्यवाद
11 Jul 2016 01:29 PM
वाह सुंदर प्रस्तुति
Dr Archana Gupta
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12 Jul 2016 02:41 PM
आपका धन्यवाद
भाव बता देते हैं सब कुछ चहरे के
मुँह से चाहें बात नहीं कुछ कहते हो…..वाह सुंदर प्रस्तुति