Comments (10)
10 Jul 2016 12:26 AM
बहुत अच्छा संदेश है|
दौड़ते हुए इंसान यह भी भूल गया है कि दौड़ क्यों रहा है| बस दौड़ते जाना है क्यूंकि सब दौड़ रहे हैं|
हिमकर श्याम
Author
13 Jul 2016 05:33 PM
हार्दिक आभार
9 Jul 2016 11:10 PM
The poem depicts the uselessness of our efforts with a sense of helplessness, which is only disappointing.The situation needs to be better cured than described.Let us make some room for ray of hope to come in.Amen!
हिमकर श्याम
Author
13 Jul 2016 05:33 PM
Thanks and Regards
9 Jul 2016 11:19 AM
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर सन्देश देती रचना 1
हिमकर श्याम
Author
13 Jul 2016 05:29 PM
सादर आभार
9 Jul 2016 07:14 AM
वाह्ह्ह्ह्ह् बहुत सुन्दर रचना।
हिमकर श्याम
Author
13 Jul 2016 05:28 PM
सादर आभार
बहुत अच्छा लगा
सादर आभार