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Comments (13)

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पति करे चाहे नौकरी य चाहे व्यापार
पाई पाई पर होता उसकी पत्नी अधिकार

खूबसूरत हास्य रचना !!

इस पर मेरी रचना “युवती की अभिलाषा” नजर कर अपने अनमोल वचन अवश्य प्रकट करे !

30 Jul 2016 01:35 PM

करूँ दुआ वर ऐसा तुम पाओ
रोज साथ में रात मॉल में जाओ
रोज दावते पिज़्ज़ा पाश्ता औ चाप की
ख़ुशी ख़ुशी जीवन को काव्य बनाओ

आधुनिक वरेच्छा अच्छा व्यंग

22 Jul 2016 07:03 PM

हहहहहह वाह…

वादा करता भ्रात ये, लाएगा वर खोज।
माॅल घुमाए वो तुझे, पैर दबाए रोज।।
पैर दबाए रोज, रोज पिज़्जा मंगवाए
सैलरी रक्खे हाथ, रात को शहर घुमाए
मणि कहता मुस्काय, रहे वो सीधासादा
लाउंगा वर खींच, भ्रात ये करता वादा।।

????गज़ब का लिखी हो

19 Jul 2016 07:05 PM

☺☺☺☺☺
आभार

19 Jul 2016 09:04 AM

Hahahaha aaj k daur me binmaange hi aise war milrahe haiN aur Jo aur Jo patni wrata nahi hote wo subah hote hi patni wrata hote haiN ….aadarniyaN……waaaaaaaah

19 Jul 2016 08:45 AM

रखे समय //का// ख्याल …….टंकण दोष ठीक कर लें. सादर.

19 Jul 2016 07:05 PM

जी आदरणीय
धन्यवाद

19 Jul 2016 08:43 AM

बहुत-बहुत बधाई आदरणीया अंकिता जी. सादर.

ऐसा ही दुल्हा मिले, करूँ प्रार्थना आज |
जिसके दिल पर आप ही, करें सदा जी राज ||
करें सदा जी राज, छंद अति सुंदर लिखकर,
और बधाई आप, खूब स्वीकारें सादर,
हर मानव का लोभ, रहा है हरदम पैसा,
बनकर रहे फ़कीर, मिला कब मानव ऐसा ||

19 Jul 2016 07:07 PM

वाह क्या खूब
?
आभारी हूँ

17 May 2016 09:25 PM

बहुत बहुत शुक्रिया दीदी

17 May 2016 11:19 AM

हा हा हा बहुत सुन्दर

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