Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (3)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
4 Aug 2016 04:43 PM

Bhut khub jyotima ji

आँसुओं //की //बाढ़ में खुशियाँ फ़ना हुयी हैं!
जब-जब हँसी हूँ मैं खुद की नज़र लगी है!
जाना कभी नही ये किस ओर ज़िन्दगी है!
हम साथ चल दिये बस जिस ओर ले चली है!…….वाह ! बहुत सुंदर.

30 Jul 2016 02:59 PM

Thanks

Loading...