Comments (6)
9 Jul 2016 07:56 PM
वाह! बहुत सुंदर ग़ज़ल|
8 Jul 2016 04:51 PM
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी …बेह्तरीन अभिव्यक्ति
Ramkishore Upadhyay
Author
9 Jul 2016 07:53 AM
शुक्रिया तहेदिल से इस दाद के लिये जनाब
8 Jul 2016 01:11 PM
वाह्ह्ह्ह्ह्ह् बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल ।
झुठी बात ……क्या बात है
सबके दुख जो खुद ……वाह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह् गज़ब शेर
Ramkishore Upadhyay
Author
8 Jul 2016 01:23 PM
आदरणीया ,सराहना के लिए और इस पटल से परिचय करवाने के लिए ह्रदय से आभार
बहुत सुंदर