You must be logged in to post comments.
ज़मीं पे चाँद फलक़ से उतार लाएंगे।
नकार कितना भी पर ये यक़ीन है मुझको। ये मिसरे इस तराह कर लें बक़ी कलाम बेहतरीन है Waaaaaaaaaaaaaaaah waaaaaah
उम्दा ग़ज़ल !!! हुनर दिखलायेंगे ….. शायद ज्यादा अच्छा जचेगा …..
ज़मीं पे चाँद फलक़ से उतार लाएंगे।
नकार कितना भी पर ये यक़ीन है मुझको।
ये मिसरे इस तराह कर लें बक़ी कलाम बेहतरीन है
Waaaaaaaaaaaaaaaah waaaaaah