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18 Jul 2016 02:10 PM

ज़मीं पे चाँद फलक़ से उतार लाएंगे।

नकार कितना भी पर ये यक़ीन है मुझको।
ये मिसरे इस तराह कर लें बक़ी कलाम बेहतरीन है
Waaaaaaaaaaaaaaaah waaaaaah

5 Jul 2016 09:37 PM

उम्दा ग़ज़ल !!!
हुनर दिखलायेंगे ….. शायद ज्यादा अच्छा जचेगा …..

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