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अब तो तमन्ना है कि, टूटे कांच सा बिखर जाऊं।
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ललकार भारद्वाज
26 Nov 2024 10:59 AM
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वाह वाह बहुत सुंदर बहुत खूब
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वाह वाह बहुत सुंदर बहुत खूब