Comments (4)
8 Mar 2025 06:04 PM
अच्छी कुण्डलिया💐💐💐💐👌👌
8 Mar 2025 06:07 PM
टाटा जी के लिए एक रचना ये भी पढ़ें,,
आसमां में छा गया, टाटा रतन।
पंछियों जैसा उड़ा, टाटा रतन।
दाद हिम्मत की रही है मिल उसे,
प्यार में गिर गिर उठा, टाटा रतन।
थीं हज़ारों मुश्किलें भारी मग़र,
इंच भर भी ना डिगा, टाटा रतन।
सैंकड़ो किरदार हैं जिस शख़्स में,
देख नज़रों को घुमा, टाटा रतन।
तोहमतें औ ज़िल्लतें सब झेलकर,
आंधियों में भी जला, टाटा रतन।
जंग दुनिया से अकेला ही लड़ा,
देश पर ही मर मिटा, टाटा रतन।
क़द तेरा ऊँचा सभी सम्मान से,
रत्न भारत को मिला, टाटा रतन।
देश की बुनियाद पुख़्ता कर गया,
वो अकेला सरफिरा, टाटा रतन।
इक “परिंदे” सा सफर में ही रहा,
हर सफर में क़ाफ़िला, टाटा रतन।
पंकज शर्मा “परिंदा”
19 Feb 2025 11:59 AM
अतिसुंदर 👍👍🙏🙏
विश्व-रत्न टाटा जी को नमन्। आपको साधुवाद।।