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Comments (8)

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24 Aug 2016 07:23 PM

बेहद भीतर तक ———छू लेने वाली ————–बहुत शानदार …………….हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.

27 Oct 2016 11:10 PM

धन्यवाद सुदेश कुमार मेहर जी।

हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार भावसंयोजन .आपको बधाई

27 Oct 2016 11:14 PM

आपका हार्दिक धन्यवाद

समाज में इंसान के रंग रूप के प्रति जाग्रति लाने का प्रयास करती बहुत सुंदर कहानी. हमारे सभ्य कहे जाने वाले समाज में काला रंग विशेषकर लड़की के लिए अभिशाप की ही तरह माना जाता है आज भी. शिक्षा अवश्य ही कुछ हद तक इसपर विजय दिलाने में सफल हुई है. मगर मानसिकता में बहुत बड़ा बदलाव आज भी नहीं दीखता. सादर.

27 Oct 2016 11:13 PM

धन्यवाद आपका सक्सेना जी

27 Oct 2016 11:14 PM

आपका हार्दिक धन्यवाद ।

3 Jul 2016 07:43 AM

बहुत ही हृदयस्पर्शी कहानी ।

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