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सुर नर मुनि जन की एहि नीती। स्वारथ लाग करहिं सब प्रीती।। (मानस जी)
उत्तम रचना 🙏
सुर नर मुनि जन की एहि नीती।
स्वारथ लाग करहिं सब प्रीती।। (मानस जी)