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कोशिश रहती सदा उधेड़बुन होती है मन में तब दुखी मन बन जाता है स्वयं का आलोचक और कोसने लगता है स्वयं को ही बस नहीं चलता होता है ऐसा तब 😥😓😓
कोशिश रहती सदा उधेड़बुन होती है मन में तब दुखी मन बन जाता है स्वयं का आलोचक और कोसने लगता है स्वयं को ही बस नहीं चलता होता है ऐसा तब
😥😓😓