Comments (7)
25 May 2024 11:04 PM
काबिले-तारीफ 👌🏻👌🏻👍 हकीकत से रूबरू कराया है आपने
25 May 2024 11:09 PM
आप के भाव बहुत अच्छे हैं, उम्दा लेखनी, आपको पढ़कर सुखद अनुभव और एहसास हुआ, ऐसे ही कलम चलाते रहिए।❤️👌🏻👍
“कस्तूरी नाभी बसे, मृग ढूंढत वन माहि।”
सुक़ूम वाह्यलोक नही, अंतर्मन का वासी है।”
एक सुंदर तार्किक रचना के लिए बधाई। 👌👌
Thank you so much for your kind words!!
Most welcome