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उतम रचना
रहिमन निज मन की बिथा मन ही राखो गोयल। सुनी इठलैहे लोग सब बाट न लैहे कोय।
सत्य वचन।
उतम रचना
रहिमन निज मन की बिथा मन ही राखो गोयल।
सुनी इठलैहे लोग सब बाट न लैहे कोय।
सत्य वचन।