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8 Dec 2023 08:29 PM
सत्यम आपकी लिखाई में खूबियां हैं जो अद्भुत हैं। आपकी शैली का जो मंतव्य होता है, वो पढ़ने वाले को मनोरंजन के साथ-साथ सोचने पर मजबूर करता है। आपकी प्रतिभा की तारीफ के लिए शब्दों की कमी सी हो रही है। शुरुआत में पढ़कर गंभीर विचार आ रहे थे की कितने कठिन कठिन शब्दों का इस्तेमाल कितनी सरलता से और कितने सटीक तरीके से किया गया है … बात कुछ भावसंयमी और जटिल जरूर होगा पर दूसरा परिच्छेद पढ़ते ही चेहरे पे मुस्कान आ गई। व्यंगात्मक रचना का उत्तम दृष्टान्त 🎉😊🤗
दो बार टिपण्णी पढ़कर स्क्रीनशाट लेकर लौट गया…निश्चित नहीं कर पा रहा हूँ कि इतने क्लिष्ट शब्दों से युक्त साहित्य-समीक्षक जैसे टिपण्णी के प्रतियुत्तर में क्या लिखा जाए। और कल तक तो कितने भले आदमी थे साधारण शब्दों से काम चला लेते थे एकाएक (गत) चुनावी परिणामों जैसा अप्रत्याशित परिवर्तन कैसे🧐