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लेखक किताब लिखकर अपने मूल्यों को सिर्फ आप तक ही नही पहुचाना नही ,बल्कि लेखक इन पर्यावरण मूल्यों,ओर मानवीय मूल्यों को नित प्रतिदिन जीवन मे जीता भी है ।ये हमने प्रत्यक्ष महसूस अनुभव किया है । और इस रचना को पढ़कर आप भी जरूर प्रेरित होंगे तब लेखक अपने प्रयासों को सफल मानेगा

इस पुस्तक का जो लेखक ने इसकी रचनाओं को देखते हुए मूल्य 150 रुपये जितने में अगर रिचार्ज भी करवाओ तो सिर्फ 28 दिन बात कर सकते हो,उतना मूल्य कम रखने का उद्देश्य ये ही लगता है कि पर्यावरण ओर मानवीय मूल्यों को अधिकाधिक व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास प्रतीत होता है ।आपके उद्देश्य को नमन ।अगर एक भी व्यक्ति इससे जागरूक होता है तो उसको ,28 महीने नही बल्कि 28 साल लाभ देगी

Bahut hi sunder tarike se sankalit kiya he mano gagar me saagar bhara ho per iska laabh aap ise padkar hi utha paoge esi books bahut kam hi dekhne padne ko milti he jaroor pade

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