वाह वाह बहुत सुन्दर
अंकलजी को मेरा प्रणाम 🙏🙏 कविता तो बहुत अच्छी है लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि आप ऐसा कविता लिखे किस पर हैं। सबकुछ तो ठीक ठाक है न अंकल जी । हम भी आपके बेटे जैसे ही हैं । अगर परिवार में भी कुछ ऐसा वैसा हो रहा हो तो हमें सूचित जरूर कीजीयेगा । हमलोग ठीक हैं बाकी भगवान की कृपा से आपलोगों को भी ठीक ही होना चाहिये ऐसा मैं कामना करता हूँ ।🙏🙏
प्रणाम,कविता अच्छी लगने के लिए धन्यवाद। यह तो कवि की एक कल्पना हैं किसी पर भी हो सकती है। मेरे परिवार में सब क
कुशल मंगल है। बहुत दिनों बाद तुम्हारे दर्शन हुए। पांचवा काव्य संग्रह काव्य मंजूषा के नाम से प्रकाशित हो चुका है। पिछले सप्ताह श्री राम लला जी के दर्शन हेतु अयोध्या गया था साथ में हमारे समाज का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन हुआ था।उसमे भाग लिया था। कभी कभी वार्तालाप भी कर लिया करो।
धन्यवाद श्री मन मोहन जी
धन्यवाद जी
श्री गौतम शॉ जी धन्यवाद
सभी पाठको का ह्रदय से आभार
कविता अच्छी है विविध शब्दों का समावेश करें एक ही शब्द की पुनरावृति कम करें 🙏
सुझाव के लिए धन्यवाद
कृपया पुनरावर्ती शब्दों के स्थान पर दूसरे शब्द बताए।
दिल की भाषा को कोई दिल वाला ही जान सकता है क्या आप इस बात से सहमत हैं।
मृदुला जी धन्यवाद