Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (12)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
29 Jul 2023 06:58 PM

मृदुला जी धन्यवाद

29 Jul 2023 04:16 PM

वाह वाह बहुत सुन्दर

अंकलजी को मेरा प्रणाम 🙏🙏 कविता तो बहुत अच्छी है लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि आप ऐसा कविता लिखे किस पर हैं। सबकुछ तो ठीक ठाक है न अंकल जी । हम भी आपके बेटे जैसे ही हैं । अगर परिवार में भी कुछ ऐसा वैसा हो रहा हो तो हमें सूचित जरूर कीजीयेगा । हमलोग ठीक हैं बाकी भगवान की कृपा से आपलोगों को भी ठीक ही होना चाहिये ऐसा मैं कामना करता हूँ ।🙏🙏

20 Jul 2023 11:33 AM

प्रणाम,कविता अच्छी लगने के लिए धन्यवाद। यह तो कवि की एक कल्पना हैं किसी पर भी हो सकती है। मेरे परिवार में सब क
कुशल मंगल है। बहुत दिनों बाद तुम्हारे दर्शन हुए। पांचवा काव्य संग्रह काव्य मंजूषा के नाम से प्रकाशित हो चुका है। पिछले सप्ताह श्री राम लला जी के दर्शन हेतु अयोध्या गया था साथ में हमारे समाज का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन हुआ था।उसमे भाग लिया था। कभी कभी वार्तालाप भी कर लिया करो।

20 Jul 2023 11:34 AM

धन्यवाद श्री मन मोहन जी

20 Jul 2023 10:24 AM

धन्यवाद जी

19 Jul 2023 10:39 PM

श्री गौतम शॉ जी धन्यवाद

20 Jul 2023 10:10 AM

सभी पाठको का ह्रदय से आभार

19 Jul 2023 08:22 PM

कविता अच्छी है विविध शब्दों का समावेश करें एक ही शब्द की पुनरावृति कम करें 🙏

19 Jul 2023 10:37 PM

सुझाव के लिए धन्यवाद

21 Jul 2023 04:44 PM

कृपया पुनरावर्ती शब्दों के स्थान पर दूसरे शब्द बताए।

19 Jul 2023 06:58 PM

दिल की भाषा को कोई दिल वाला ही जान सकता है क्या आप इस बात से सहमत हैं।

Loading...