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भावों पर, विधाओं पर… खुद की अनुपम अदाओ पर… हर बात पर पर्दा रखिये… ये दुनिया उतनी भी अच्छी नहीं जितनी बाहर से नज़र आती है, इसलिए अपनी वफ़ाओ पर पर्दा रखिये !!
अद्भुत – सच है – अब भाव के भी “मोल – भाव” होते हैं
भावों पर, विधाओं पर…
खुद की अनुपम अदाओ पर…
हर बात पर पर्दा रखिये…
ये दुनिया उतनी भी अच्छी नहीं जितनी बाहर से नज़र आती है,
इसलिए अपनी वफ़ाओ पर पर्दा रखिये !!