Comments (7)
24 May 2023 12:38 AM
एक के ऊपर एक
परत-दर-परत चढ़े होते हैं,
आँखों पर तरह-तरह के चश्मे।
पर, न तो
नाक पर उनके
वजन का अहसास होता है;
न ही कानों पर उनका बोझ;
23 May 2023 11:09 PM
बहुत खूब 💐💐
23 May 2023 11:12 PM
🙏
1 Jun 2023 10:17 AM
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए आभार 🙏
23 May 2023 11:04 PM
डरता हूँ कि
इन चश्मों के छूटने के साथ,
इस चश्मा चढ़ी दुनिया में
कहीं मैं अलहिदा न छूट जाऊँ
संजीवनी गुप्ता जी धन्यवाद 🙏