Comments (4)
21 May 2023 05:38 PM
सारंगी आज
सरहद पे शहीद हुए
सिपाही की माँ के ह्रदय की तरह
चीख़-चीख़ कर फटी जाती है
20 May 2023 07:43 PM
अति सुन्दर भावपूर्ण रचना।
20 May 2023 07:44 PM
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
दगावाज सावन में,
ग़ज़ल, कज़री या दादरा नहीं,
बल्कि क्रंदन-
सिर्फ क्रंदन ही बिलखता है