You must be logged in to post comments.
अरि की हड्डी का खिलौना करेगा शांत शिशु की चीत्कार को
इज्ज़त लुटे न बहन की, सौगंध जिसने खाई है, उस बहन रुपी वतन का भाई जांबाज़ एक सिपाही है ।
अरि की हड्डी का खिलौना करेगा
शांत शिशु की चीत्कार को