Comments (2)
21 May 2023 05:48 PM
शब्द किये हैं कैद तुम्ही ने, अक्षर डिबिया में रक्खे हैं,
बेचारों को दो आज़ादी, कब तक इनको कैद रखोगे
शब्द किये हैं कैद तुम्ही ने, अक्षर डिबिया में रक्खे हैं,
बेचारों को दो आज़ादी, कब तक इनको कैद रखोगे
साँसे तन से भारी होंगी, रोक रखोगे, बोझ सहोगे।