Comments (7)
24 May 2023 09:42 PM
जानना है मुझे,
सपनों का सँसार क्या है ।
22 May 2023 03:39 PM
बहुत सुंदर।
23 May 2023 11:20 PM
धन्यवाद आपका अतुल जी बहुत बहुत आभार 🙏🙏
22 May 2023 12:35 AM
देखना है मुझे,
उस क्षितिज के पार क्या है
21 May 2023 05:36 PM
महसूस करना है तपन को,
जेठ की दुपहरी में, रेत में
21 May 2023 12:43 AM
हर एक ऋतु देखूँगा में,
तुम ऋतुएँ बदल-बदल लाओ
सावन की फुहार में,
भीगना है मुझे ।
महसूस करना है तपन को,
जेठ की दुपहरी में, रेत में,
आलिंगन करना है शीत का,
पूष की ठिठुरी बर्फ में ।
हर एक ऋतु देखूँगा मैं,
तुम ऋतुएँ बदल-बदल लाओ