Comments (3)
27 Oct 2016 09:45 AM
डा अर्चना गुप्ता जी!
आपकी ग़ज़ल ” अर्चना मेरी है तू” शीर्षक बहुत उम्दा ।
” भींगता रहे है मन / सावनी झड।ी है तू ” बहुत शानदार ! बधाई !
— जितेन्द्र कमल आनंद
२७-१०-१६
Dr Archana Gupta
Author
27 Oct 2016 10:17 AM
शुक्रिया आपका
गज़ब ग़ज़ल है, आद