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सत्य और झूठ को बहुत सुन्दर शब्दों में आपने व्यक्त किए है, हमनें भी 28 जून 2021 को एक कविता “झूठ की महिमा” के नाम से प्रेषित किए हैं एक बार पढ़ने की कृपा करेंगे।

18 Nov 2022 09:14 PM

Bilkul sir… Mein aapki kavita jarur padugi.

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