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सत्य और झूठ को बहुत सुन्दर शब्दों में आपने व्यक्त किए है, हमनें भी 28 जून 2021 को एक कविता “झूठ की महिमा” के नाम से प्रेषित किए हैं एक बार पढ़ने की कृपा करेंगे।
Bilkul sir… Mein aapki kavita jarur padugi.
सत्य और झूठ को बहुत सुन्दर शब्दों में आपने व्यक्त किए है, हमनें भी 28 जून 2021 को एक कविता “झूठ की महिमा” के नाम से प्रेषित किए हैं एक बार पढ़ने की कृपा करेंगे।
Bilkul sir… Mein aapki kavita jarur padugi.