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Comments (13)

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12 Oct 2022 11:44 PM

ऐसा सब नही करते, पहले सब जान के तब जज करना चाइए. नाइस लाइंस👍

13 Oct 2022 09:53 AM

Hmm 🙏🙏

12 Sep 2022 08:58 PM

बेहद संवेदनशील रचना।बहुत सुंदर 👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻💐

12 Sep 2022 09:54 PM

बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

बहोत ही आला जज़्बाती अल्फाज़ो की संवेदना बहोत ही लाजवाब है अब एक बड़ी शायराना का अंदाज कलम में नजर आ रहा है 👍👍👍

12 Sep 2022 08:13 AM

सादर आभार आपका हृदयतल से धन्यवाद 🙏🙏🙏

11 Sep 2022 05:42 PM

अरे वाह क्या जज़्बातों को अल्फाजों में पिरोया है। बहुत ही उम्दा।

12 Sep 2022 08:12 AM

बहुत बहुत शुक्रिया 🙏🙏🙏

11 Sep 2022 02:36 PM

रोए बहुत है तुझे याद कर करके।
पहले जैसे क्यूं नहीं बन जाती मेरी वाली।
क्यों रहती हो अब लोगो से डर डर के।
जाना आंटी के घर दो मिनट ही बाते करना।
सुकून दिल को मिलता था जा रही हूं बाद में फोन करूंगी कहकर रखना।
फिर आती थी जब रात को खाना देने अपने दादी को।
वीडियो कॉलिंग करके करती थी बातें भले कुछ ही पल सलाम करता हूं पुरानी वाली उस दीप्ति जज्बाती को।

Miss Old Time/ back time Deepti 2020/21

12 Sep 2022 12:14 PM

बहुत ही खूबसूरत शायराना अंदाज़ है आपका 🙏🙏🙏

12 Sep 2022 07:21 PM

जुबान ने पढ़ा है आपकी पंक्तियों को दिमाग ने समझा है और सीधे दिल ने महसूस किया है।
सच्ची कहे तो आप पर दिल आ गया है मेरे लफ्ज़ आपके हुनर के लिए कम पड़ गया है।

❣️❣️❣️❣️❣️🥰

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