Comments (6)
8 Sep 2022 08:59 AM
बहुत सुंदर, लाजवाब 👌👌🙏🙏🌷
'अशांत' शेखर
Author
8 Sep 2022 09:20 AM
आपको सादर प्रणाम और बहोत बहोत दिल से शुक्रिया आभार 🙏🙏🙏💐💐💐
7 Sep 2022 03:58 PM
बेहतरीन रचना 👌👌🙏
'अशांत' शेखर
Author
7 Sep 2022 07:09 PM
बहोत बहोत धन्यवाद वैष्णवी जी 🙏🙏🙏
जुबाँ ठंडी पड़ी कही से कोई आवाज़ नहीं उठती
बेजान से रूह में खून के कतरे को ठहरते देखा है
वाह निशब्द कर दिया आपने 👌👌🙏🙏
आपको सादर प्रणाम और बहोत बहोत दिल से शुक्रिया आभार आपके हौसला अफजाई भरे अल्फाज़ो के लिए heartily thanks 🙏🙏🙏💐💐💐