Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (8)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

दो चार अल्फाज़ ही अदब के बोल दो तुम हमसे।
यूं हमको रिश्तों में क्यों इतना गैर बना लिया है।। वा उस्ताद वा मजा आ गया है ये पूरी गझल बहोत ही आला दर्जे की है बहोत ऊँची शेरो शायरी है जनाब बहोत निखरकर लौटे हो 👍👍👍💐💐💐

अरे नही भाई एक अच्छे फ़नकार की तारीफ एक उसका कायल ही कर सकता है

7 Sep 2022 07:15 PM

आपका बहुत बहुत शुक्रिया भाई।

6 Sep 2022 08:40 PM

इश्क वाले दीवाने ही होते है
बहुत खूब कलाम

7 Sep 2022 06:36 AM

Bahut bahut shukriya

इश्क़ करके हमने खुद का तमाशा बना लिया हैं,,,,, क्या खूब लाइन है बेमिशाल रचना 👌🙏🙏

6 Sep 2022 12:35 PM

शुक्रिया बहुत बहुत।

Loading...