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29 Aug 2022 11:22 PM

न हसरतों को कभी “अर्चना” दबाया है
न चाहतों को कभी बेलगाम करती हूँ,
आपके इश्क को मै भी सलाम करती हूँ।
बेहतरीन लाजवाब रचना👌👌🙏🙏

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