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न हसरतों को कभी “अर्चना” दबाया है न चाहतों को कभी बेलगाम करती हूँ, आपके इश्क को मै भी सलाम करती हूँ। बेहतरीन लाजवाब रचना👌👌🙏🙏
न हसरतों को कभी “अर्चना” दबाया है
न चाहतों को कभी बेलगाम करती हूँ,
आपके इश्क को मै भी सलाम करती हूँ।
बेहतरीन लाजवाब रचना👌👌🙏🙏