धन्यवाद, अनामिका जी,यह संवेदनशील भाव नही है।ये सचमुच की घटनाएं हैं जो मेरे समक्ष घटित हुई थी।जब मैं कोरोना कंट्रोल रूम में अपनी सेवाएं दे रहा था कोरोना की दूसरी लहर के दरम्यान लॉक डाउन के दौरान कोरोना वारियर्स के रूप में तब तक जब तक स्थिति नियंत्रण में नहीं आ गई और लॉक डाउन खत्म नही हो गया।मैंने बहुत से लोगों की मदद की ,दिल से कार्य किया।जो भयावह दृश्य देखा सो लिख दिया।
धन्यवाद, अनामिका जी,यह संवेदनशील भाव नही है।ये सचमुच की घटनाएं हैं जो मेरे समक्ष घटित हुई थी।जब मैं कोरोना कंट्रोल रूम में अपनी सेवाएं दे रहा था कोरोना की दूसरी लहर के दरम्यान लॉक डाउन के दौरान कोरोना वारियर्स के रूप में तब तक जब तक स्थिति नियंत्रण में नहीं आ गई और लॉक डाउन खत्म नही हो गया।मैंने बहुत से लोगों की मदद की ,दिल से कार्य किया।जो भयावह दृश्य देखा सो लिख दिया।