Comments (4)
'अशांत' शेखर
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21 Aug 2022 04:50 PM
बहोत बहोत दिल से शुक्रिया वैष्णवी जी 🙏🙏🙏
21 Aug 2022 04:38 PM
साहिल ने बस मे कर लिया है समुंदर,,,,,, बहुत खूब 👌👌
ना झुका तू नजरे आसमाँ को देखकर..!
पाँव को तो ज़मी पर भी लगती है ठोकर। सही कहा है आपने, अति सुन्दर रचना👌👌💐💐🙏🙏
बहोत बहोत दिल के गहराई से आपका तहे दिल से आभार धन्यवाद 🙏🙏🙏