Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (4)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
21 Aug 2022 05:45 PM

ना झुका तू नजरे आसमाँ को देखकर..!
पाँव को तो ज़मी पर भी लगती है ठोकर। सही कहा है आपने, अति सुन्दर रचना👌👌💐💐🙏🙏

बहोत बहोत दिल के गहराई से आपका तहे दिल से आभार धन्यवाद 🙏🙏🙏

बहोत बहोत दिल से शुक्रिया वैष्णवी जी 🙏🙏🙏

साहिल ने बस मे कर लिया है समुंदर,,,,,, बहुत खूब 👌👌

Loading...