बेहतरीन, लाजवाब,शानदार प्रश्न आपने अपनी रचना के जरिए पूछा है और सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपने संसद मे हो रहे गाली-गलौज पर जो उठाया है वह मेरे लिए खास है।क्योकि मेरा भी मानना है संसद हो रहे कार्यक्रम को सिर्फ हम ही नही पुरा विश्व देखता है और उसके आधार पर हमारे देश के छवि को निर्धारित करता है।ऐसे मे यह एक बड़ा प्रश्न है की संसद मे हो रहे इस गाली-गलौज से क्या देश की छवि धूमिल नही होती? क्या नेताओं के लिए योग्यता निर्धारित नही होनी चाहिए। बहुत ही सुंदर रचना।👌🏻👌🏻👌🏻🙏🏻
बिलकुल आपकी बातों से मैं शतप्रतिशत सहमत हूं अनामिका जी
🙏🙏🙏🙏🙏
बहोत ही अंतर्मुख करती रचना आपने वर्तमान परिस्थितियों बहोत खूबी से बयां किया है आज देश की मौजूदा हालात का विवेचन तीखे शब्दो में रचा है । ये संस्मरणीय रचना है 👍👍👍💐💐💐
आदरणीय मेरी रचना पर समीक्षात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏
आप जैसे साहित्यकारों की प्रतिक्रिया मिलने से ही मेरी लेखनी में ऊर्जा समाहित होती है।
एक बार पुनः धन्यवाद🙏🙏
बेहद खूबसूरत रचना