Comments (6)
10 Aug 2022 12:55 PM
बहुत ही उम्दा। कहां से ऐसी सोच और अल्फाज़ लाते हो भाई बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल । बहुत ही आला दर्जे की।
'अशांत' शेखर
Author
10 Aug 2022 02:59 PM
जी बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद बस आप लोगो की करामत है प्यार है मोहब्बत है वर्ना हम तो बस अंदर ही घूँट जाते थे 💐💐💐🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌹🌹🌹
9 Aug 2022 10:47 PM
क्या बात है, लाजवाब रचना
'अशांत' शेखर
Author
9 Aug 2022 11:02 PM
हौसला अफजाई के लिए दिल के गहराई से बहोत बहोत धन्यवाद 🙏🙏🙏
वो ऊँचे पहाड़ की खामोशियाँ महसूस करता है
उसकी गहरी खुदाई के ज़ख्म मगर देखता नहीं
वाह बहुत हीं उम्दा👌👌🙏
बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद 💐💐💐🙏🙏🙏