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11 Aug 2022 07:41 PM

वो ऊँचे पहाड़ की खामोशियाँ महसूस करता है
उसकी गहरी खुदाई के ज़ख्म मगर देखता नहीं
वाह बहुत हीं उम्दा👌👌🙏

बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद 💐💐💐🙏🙏🙏

10 Aug 2022 12:55 PM

बहुत ही उम्दा। कहां से ऐसी सोच और अल्फाज़ लाते हो भाई बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल । बहुत ही आला दर्जे की।

जी बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद बस आप लोगो की करामत है प्यार है मोहब्बत है वर्ना हम तो बस अंदर ही घूँट जाते थे 💐💐💐🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌹🌹🌹

क्या बात है, लाजवाब रचना

हौसला अफजाई के लिए दिल के गहराई से बहोत बहोत धन्यवाद 🙏🙏🙏

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