Comments (8)
8 Aug 2022 05:46 PM
बेहतरीन…..
'अशांत' शेखर
Author
8 Aug 2022 07:08 PM
जी बहोत बहोत सहृदय आभार धन्यवाद 💐💐💐🙏🙏🙏
8 Aug 2022 05:08 PM
बहूत ही खूबसूरत ग़ज़ल
'अशांत' शेखर
Author
8 Aug 2022 07:07 PM
बहोत बहोत सहृदय आभार 💐💐💐🙏🙏🙏
8 Aug 2022 03:49 PM
बढ़िया..
'अशांत' शेखर
Author
8 Aug 2022 04:16 PM
जी बहोत बहोत शुक्रिया धन्यवाद आभार 💐💐💐🙏🙏🙏
भाई बहुत ही उम्दा गजल लिखी। अल्फाज़ो का तो मैं कायल हो गया”मैं वो शख्स था जिससे हर ख्वाइश कतरा गयी” ये लाइन तो सीधे दिल में उतर गई। बहुत ही खूबसूरत।
हा काफी दिनों के बाद कल फिर एक गज़ल लिखी वैसे तो पहले मिसरा लिखकर था बाद में बाकी लिखा कल पूरी हुई आपको पसंद आयी मतलब आज मुक्कमल हुयी बहोत बहोत सहृदय से शुक्रिया आभार धन्यवाद 💐💐💐🙏🙏🙏