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Comments (16)

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14 Aug 2022 10:30 AM

शानदार

14 Aug 2022 11:33 AM

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर आभार 🙏🏻

8 Aug 2022 12:58 PM

कोई आँच न आए हमारे वतन पर,
इसके लिए जान हथेली पर लेकर
काँटो के ऊपर चलना पड़ता है।
बेहद खुबसूरत पंक्तियों से लामबंद किया है अनामिका जी.. बहुत हीं शानदार 👌👌👌🙏🙏

9 Aug 2022 08:41 AM

आपके हौसलाअफजाई के लिए तहे-दिल बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏🙏🙏🙏

एक शब्द और ठीक करने की आवश्यकता है- सरहद पर अडिग रहना पड़ता है।

5 Aug 2022 07:39 AM

जी सर, जानकरी देने के लिए तहे-दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद सर 💐💐😊🙏🏻🙏🏻

5 Aug 2022 08:15 AM

सही कहूँ तो आज मुझे बेहद खुशी हो रही है ।आप सब मेरी रचना को ध्यान से पढ़ते है और मेरी गलतियों पर अपना समझकर सुधार करने के लिए कहते है। जिसके कारण आप सब से हमेशा मै कुछ न कुछ रोज सिखती हूँ।तहे-दिल से फिर से धन्यवाद। 💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊

देश के प्रहरियों के विषय में सुंदर रचना 😊

5 Aug 2022 07:37 AM

आपके हौसलाअफजाई के लिए तहे-दिल बहुत- बहुत धन्यावाद सर।🙏🏻🙏🏻😊

4 Aug 2022 04:06 PM

बहुत खूबसूरत रचना है मैंम, हम सब फौजी भाइयों की तरफ से आपको धन्यवाद।

4 Aug 2022 08:32 PM

आप सब देश बासियों का प्यार और बरोसा ही हमारे सहस और जज़्बे को हिम्मत देता है, बहुत शुक्रिया मैंम इसके लिए।🙏

4 Aug 2022 08:45 PM

आप सब की इसी साहस और जज्बा के कारण हम सब सुरक्षित है।इसके लिए आप सब को जितना शुक्रिया करूँ यह कम है।सभी फौजी भाईयों को मेरा शत-शत प्रणाम 🙏🙏,
जय हिंद।

वतन के नींद सोना पड़ता है
वतन के नींद जागना पड़ता है इसका अर्थ नही समझ आ रहा है इसमें सुधार की जरुरत है बाकी बहोत खास

3 Aug 2022 11:55 PM

जानकारी देने के लिए आपका तहे-दिल से धन्यवाद 🙏🙏😊

5 Aug 2022 08:16 AM

सही कहूँ तो आज मुझे बेहद खुशी हो रही है ।आप सब मेरी रचना को ध्यान से पढ़ते है और मेरी गलतियों पर अपना समझकर सुधार करने के लिए कहते है। जिसके कारण आप सब से हमेशा मै कुछ न कुछ रोज सिखती हूँ।तहे-दिल से फिर से धन्यवाद। 💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊

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