Comments (8)
29 Jul 2022 08:15 PM
इसका तो कोई जवाब ही नहीं बहोत आला अल्फाज़ो से नवाज़ा है सुपर से ऊपर मन गए भाई👌👌👌👌
Taj Mohammad
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30 Jul 2022 01:43 AM
सादर आभार।
29 Jul 2022 07:18 AM
सांसों के तार पर धड़कन की ताल पर,
नग़मा सा कोई जाग उठा ज़ेहन में ,
झंकार सी कोई थरथरी है तन में ,
सोज़ -ए- दिल में इक असर जलता है ,
होते लबरेज़ गज़ल बन उभरता है ,
श़ुक्रिया !
29 Jul 2022 10:37 PM
आपकी प्रस्तुति से मेरे हृदय में उद्-गार जो उठे उन्हे प्रस्तुत किया है।
Taj Mohammad
Author
29 Jul 2022 11:46 PM
बहुत बहुत शुक्रिया sir जी।
बहुत हीं खुबसूरत रचना 👌👌🙏
आपको बहुत बहुत धन्यवाद।