Comments (4)
28 Jul 2022 08:00 AM
बहुत ही सुंदर रचना।
Taj Mohammad
Author
28 Jul 2022 09:23 AM
बहुत बहुत शुक्रिया।
और ये एक धमाका
रास्ता भी हम जैसा तन्हा-तन्हा सा लगता है।
मिलते नहीं है इस पे चले हुए पैरो के निशान
क्या खूब लिखा भाई जीतनी तारीफ करू उतनी कम आपको मेरा दिल के गहराई से आदाब सलाम🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको भी दिल से हमारा सलाम।