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Comments (8)

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27 Jul 2022 11:10 PM

बेहतरीन रचना।लाजवाब प्रस्तुति।

28 Jul 2022 12:45 AM

मैं बहुत lucky हूं जो आप सब्र लोगों ने इस गज़ल पर टिप्पणी की। बहुत बहुत शुक्रिया।

27 Jul 2022 06:55 PM

Awesome sir

28 Jul 2022 12:44 AM

आपका बहुत बहुत सह्रदय धन्यवाद।

आज पूरी ही गयी ये ग़ज़ल जबरदस्त हुयी है सामाजिक एहसास का अनुभूती करती रचना

मेरा मतलब था कल आपने केवल कल एक ही ऊपरवाला शेर पेश किया था आज पूरी गझल पेश की है

27 Jul 2022 04:47 PM

Oh ab samjh me aaya hahahah

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