Comments (5)
26 Jul 2022 11:26 AM
भाई पढ़ते पढ़ते आपके गझल को हम गुनगुनाने लग जाते है आपके पास तो अल्फाज़ो का जखीरा है । इस गझल के बारे में क्या कहूँ इतने खूबसूरती से लफ्ज़ो को पिरोया है जबरदस्त
Taj Mohammad
Author
26 Jul 2022 12:08 PM
आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
बहुत खूब
शुक्रिया जी।