Comments (6)
22 Jul 2022 10:55 AM
बहोत सही क्या बात है भाईजान आप नजर नही आ रहे हो साहित्यपिडिया पे
22 Jul 2022 11:24 AM
सही बात है जरूरते तो लगी है मेरे कल के गझल पर एक रोशनी डालिये यदि वक़्त मिले तो
Taj Mohammad
Author
22 Jul 2022 11:38 AM
जी बिल्कुल भाई।
बेहतरीन, अति उत्तम।
आपका सादर आभार।